पट्टशाक दूर करे कई बीमारियां

पट्टशाक दूर करे कई बीमारियां

पट्टशाक या पाट या पटुआ पेट संबंधी समस्याओं के इलाज में इस्तेमाल करने के साथ-साथ कौन-कौन बीमारियों के लिए फायदेमंद है, आगे इस बारे में विस्तार से जानते हैं-

आमाशयिक व्रण के इलाज में फायदेमंद पट्टशाक
अगर आप निरंतर पेट के अल्सर से हमेशा परेशान रहते हैं और खाना खाते ही कष्ट होने लगता है तो पत्ते का काढ़ा बनाकर 10-20 मिली मात्रा में पिलाने से आमाशयिक व्रण तथा अर्श या पाइल्स के परेशानी को कम करने में लाभदायक होता है।

प्रवाहिका या पेचिश को रोकने में लाभदायक पट्टशायक
सूखे पत्ता का काढ़ा बनाकर 10-30 मिली मात्रा में प्रवाहिका के रोगी को पिलाने से प्यास तथा शक्ति बढ़ती है।

फिरङ्ग से निदान दिलाने में लाभकारी पट्टशाक
पट्टशायक के पत्ते को पीसकर लगाने से तथा पत्ते का पेस्ट का सेवन करने से पूयमेह या गोनोरिया व फिरङ्ग में लाभ होता है।

कुष्ठ के कष्ट से राहत दिलाने में फायदेमंद पट्टशाक
पट्टशाक, चित्रक, निर्गुण्डी आदि द्रव्यों से बने पृथ्वीसारादि तेल का प्रयोग कुष्ठ में लाभप्रद है।

पट्टशाक का उपयोगी भाग
आयुर्वेद के अनुसार पट्टशाक का औषधीय गुण इसके इन भागों को प्रयोग करने पर सबसे ज्यादा मिलता है- पत्ता और,पञ्चाङ्ग

पट्टशाक का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए
यदि आप किसी ख़ास बीमारी के घरेलू इलाज के लिए पट्टशाक का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही इसका उपयोग करें। चिकित्सक के सलाह के अनुसार 10-12 मिली काढ़ा ले सकते हैं।

पट्टशाक सेवन के साइड इफेक्ट
पट्टशाक का अति-मात्रा में सेवन करने से अरुचि, प्रवाहिका या पेचिश तथा वमन (उल्टी) होने की संभावना रहता है।