कपूर के उपयोग एवं लाभ — संक्षेप

1. धार्मिक और पूजा में उपयोग:
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हिंदू पूजा में कपूर का प्रयोग अनिवार्य माना जाता है।
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कपूर जलाने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और वातावरण शुद्ध होता है।
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पूजा, हवन और आरती में कपूर का उपयोग शुभ माना जाता है।
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पितृदोष, कालसर्प दोष और वास्तुदोष दूर करने में कपूर कारगर है।
2. ज्योतिषीय लाभ:
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कपूर ग्रह दोषों को कम करता है।
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धन लाभ, भाग्य सुधार और किस्मत चमकाने के लिए कपूर के उपाय किए जाते हैं।
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वास्तु दोष दूर करने के लिए कपूर की गोलियां घर के कोनों में रखी जाती हैं।
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शनि देव की कृपा पाने के लिए कपूर का उपयोग लाभकारी होता है।
3. औषधीय उपयोग:
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कपूर में वातहर, कफघ्न, और त्वचा रोगों के लिए गुण होते हैं।
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सिरदर्द, तनाव, डिप्रेशन में कपूर के तेल की मालिश आराम पहुंचाती है।
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खांसी, सर्दी, जुकाम, फेफड़ों के रोगों में कपूर सूंघने से लाभ होता है।
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त्वचा की जलन, घाव, खुजली में कपूर का लेप या मालिश असरदार होता है।
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बालों के झड़ने और रूसी में कपूर तेल का प्रयोग किया जाता है।
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गठिया, मांसपेशी दर्द में कपूर तेल से मालिश लाभकारी है।
4. वास्तु एवं पर्यावरणीय लाभ:
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कपूर जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
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नकारात्मक ऊर्जा और बैक्टीरिया खत्म होते हैं, जिससे वातावरण शुद्ध होता है।
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मक्खी, मच्छर और खटमल भगाने में भी कपूर मदद करता है।
5. कपूर के चमत्कारिक टोटके:
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धन की कमी दूर करने के लिए चांदी की कटोरी में कपूर और लौंग जलाएं।
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किस्मत खोलने के लिए शनिवार को कपूर तेल से स्नान करें।
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दुर्घटना से बचाव के लिए रात को कपूर जलाकर हनुमान चालीसा पढ़ें।
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विवाह बाधा दूर करने के लिए देवी दुर्गा को कपूर और लौंग से आहुति दें।
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बुद्धि और समृद्धि के लिए बुधवार को हरे वस्त्र पहनकर कपूर और मिश्री दान करें।
6. कपूर के प्रकार:
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प्राकृतिक कपूर (भीमसेनी कपूर) जो पेड़ से निकलता है।
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कृत्रिम कपूर, जो रासायनिक होता है और औषधीय गुणों से भरपूर होता है।
निष्कर्ष
कपूर केवल पूजा का एक हिस्सा नहीं बल्कि आयुर्वेदिक, ज्योतिषीय और वास्तुशास्त्रीय दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसका सही और नियमित उपयोग घर, शरीर और जीवन की कई समस्याओं को दूर कर सकता है।