रेवती नक्षत्र ज्योतिष रहस्य
आज की हमारी चर्चा रेवती नक्षत्र पर केंद्रित है। यह आकाश मण्डल में मौजूद सत्ताईसवाँ नक्षत्र है जो ३४६.४० डिग्री से लेकर ३६० डिग्री तक गति करता है। इस नक्षत्र को पूषाअथवा पौशनम नाम से भी जाना जाता है। रेवती नक्षत्र के स्वामी बुद्ध, नक्षत्र देवता पुष्य और राशि स्वामी गुरु हैं। यदि आपके कोई सवाल हैं अथवा आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट पर विज़िट कर सकते हैं। आपके प्रश्नों के यथा संभव समाधान के लिए हम वचन बद्ध हैं।
रेवती नक्षत्र वैदिक ज्योतिष में
रेवती नक्षत्र आकाश मण्डल में मौजूद ३२ तारों से बनी हुई आकृति है। इसका प्रतीक ड्रम अथवा मछली का पेट है। इस नक्षत्र के स्वामी बुद्धदेव हैं और यह नक्षत्र १६.४० डिग्री से ३० डिग्री तक मीन राशि में गति करता है। इस नक्षत्र के देवता पुष्य हैं। रेवती नक्षत्र के जातकों के जीवन पर बुद्ध और वृहस्पति देव का प्रत्यक्ष प्रभाव देखा जा सकता है।
नक्षत्र स्वामी : बुधदेव
नक्षत्र देव : पुष्य
राशि स्वामी : गुरु
पुरषार्थ : मोक्ष
विंशोत्तरी दशा स्वामी : बुध देव
चरण अक्षर : दे, दो, चा, ची
वर्ण : शूद्र
गण : देव
योनि : गज ( Female Elephant )
नाड़ी : आदि
पक्षी : कबूतर
तत्व : आकाश
प्रथम चरण : गुरु
द्वितीय चरण : शनि
तृतीय चरण : शनि
चतुर्थ चरण : गुरु
वृक्ष : महुआ
बीज मंत्र : ॐलं, ॐक्षं
रेवती नक्षत्र जातक की कुछ विशेषताएं व्जीवन
रेवती नक्षत्र के जातक लम्बे व्सुदृढ़ शरीर के स्वामी होते हैं। आपका ह्रदय भगवान्शंकर की तरह शुद्ध और आचरण पवित्र होता है। यदि आप इस पवित्र नक्षत्र में उत्पन्न हुए हैं तो यकीन मानिये आप मोक्ष के अधिकारी हैं। भगवान्भोलेनाथ की तरह आप एकांत प्रिय और अपनी अलग ही मस्ती में रहने वाले है। आपको मल ह्रदय व्प्रखर बुद्धि के स्वामी हैं। आकाश तत्व होने की वजह से आपको अंदर ही अंदर खालीपन का अहसास होता रहता है। राशि स्वामी गुरु आपमें शुभ गुणों का विकास करते हैं ओर साथ ही आध्यमिकता की ओर आपका मार्ग प्रशस्त करते हैं। आप विशेष रूप से ज्योतिष शास्त्र में गहन रुचि रखते हैं, इस विषय का गहन अध्ययन भी करते हैं और वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर अपनी बात को प्रस्तुत करते हैं। आप स्वभाव से साधू हैं, किसी का बुरा नहीं चाहते, अपने काम से काम रखते हैं। लेकिन आपका क्रोध भी महा देव के सामान ही होता है। यदि आपको एक बार क्रोध आ जाये तो आप किसी के रोके नहीं रुकते, बहुत विध्वंसकारी हो जाते हैं। आपको पिता का स्नेहव्सहायता प्राप्त होती है लेकिन आप उनकी सहायता से फाइनेंसियल गेन नहीं कर पाते।
इस नक्षत्र की जातिकाएँ बहुत सुन्दर, धार्मिक, कला की जानकर, रूपए पैसे के लेन देन में माहिर होती हैं और अपने रिटुअल्स को खूब अच्छी तरह से निभाने वाली होती हैं। दान पुण्य में बहुत विशवास रखती हैं।
रेवती नक्षत्र के जातक/ जातिका की मैरिड लाइफ
रेवती नक्षत्र के जातक व्जातिका का वैवाहिक जीवन सुखदही रहता है। आपको अपने जीवन साथी का भरपूर सहयोग प्राप्त होता है। इस नक्षत्र की जातिकाओं का आर्द्रा नक्षत्र के जातक से विवाह नहीं होना चाहिए। ऐसे जातक/जातिका के बच्चे बहुत संस्कारी व्बुद्धिमान होते हैं।
रेवती नक्षत्र जातक का स्वास्थ्य
रेवती नक्षत्र के जातकों को बुखार, मुख, कान और आंतड़ियों से सम्बंधित रोग होने की संभावना बनती है। यदि आपका नामचरण अक्षर से शुरू होता है तो शुभ है। ऐसा करने से आपके शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है जो जीवन के उतार चढ़ाव में आपको स्टेबल रखने में सहायक होता है। रोजाना बीज मन्त्र का १०८ बार उच्चारण करें आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है, मानसिक तनाव दूर होता है, सफलता मिलने में सहायता प्राप्त होती है। नक्षत्र से सम्बंधित पेड़ से निर्मित औषधि रोगों को दूर करने में बहुत अधिक सहायक होती है।
रेवती नक्षत्र जातक शिक्षा व्व्यवसाय
रेवती नक्षत्र के जातक यदि नौकरी करते हैं तो उच्च पदासीन होते हैं। इनकी तरक्की होती रहती है। वैज्ञानिक, कलाकार, डांसर, सिंगर अथवा वकील हो सकते हैं, कम्युनिकेशन से सम्बंधित कार्य कर सकते हैं, एग्रीकल्चरिस्ट, रिसर्चर हो सकते हैं, एस्ट्रोलॉजी अथवा एस्ट्रोनॉमी या इंटरनेट सम्बन्धी प्रोफेशन में जा सकते हैं। ये विदेश जाकर भी नौकरी अथवा व्यवसाय करते हैं। चैरिटी के कामो से किसी न किसी प्रकार से जुड़े होते हैं।