अश्विनी नक्षत्र ज्योतिष रहस्य
अश्विनी नक्षत्र, नक्षत्रों के महत्व को समझते हुए हमने ये निर्णय लिया है की नक्षत्रों से सम्बन्धित जितनी भी जानकारी हमारे पास है, आपके साथ शेयर की जाए। आशा है आपका स्नेह हम पर बना रहेगा। नक्षत्रों सम्बन्धी कोई जानकारी यदि आप हमसे सांझा करना चाहते है तो हमारी वेबसाइट के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते हैं। आपके सुझाव हमारे लिए अमूल्य हैं। इन्हें पढ़ा जाएगा और आवश्यकतानुसार हमारे आर्टिकल्स में शामिल भी किया जाएगा। आज की हमारी चर्चा अश्विनी नक्षत्र पर केंद्रित होगी।
अश्विनी नक्षत्र वैदिक ज्योतिष में
यह पहला नक्षत्र है। इसे मेष राशि का पहला नक्षत्र कहा गया है। यह नक्षत्र 0 डिग्री से लेकर १३.२० डिग्री तक गति करता है। भारतीय ज्योतिष की मान्यता है की यह नक्षत्र तीन तारों से मिलकर बना है। जैसा की नाम से ही विदित है अश्विनी नाम अश्व से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है घोड़े जैसी आकृति वाला इस नक्षत्र को अश्विनी कुमार (देवताओं के वैद्य) के साथ भी सम्बंधित किया गया है। अश्विनी कुमार को इस नक्षत्र के देवता के रूप में भी जाना जाता है। इनका गणदेव, विंशोत्तरी दशा स्वामी केतु, योनि अश्व और नाड़ी आदि है। यह गण्डमूल नक्षत्र है।
नक्षत्र स्वामी : केतु
नक्षत्र देव : अश्वनीकुमार
राशि स्वामी : मंगलग्रह
विंशोत्तरी दशा स्वामी : केतु
चरण अक्षर : च, छे, छु, ल
वर्ण : वैश्य
गण : देव
योनि : अश्व
नाड़ी : आदि
शास्त्रों के अनुसार दान : घृत, स्वर्ण, ब्राह्मण भोजन, कलश (मूल के लिये)
प्रथम चरण : मंगल
द्वितीय चरण : शुक्र
त्रियीत चरण : बुद्ध
चतुर्थ चरण : चन्द्रमा
वृक्ष : रसवृक्ष ( कुचला )
अश्विनी नक्षत्र जातक की कुछ विशेषताएं व्जीवन-
अश्विनी नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक चंचल स्वभाव, मेधावी, प्रज्ञावान, धनवान, शक्ति शाली, तीव्र कार्य सम्पन्नता की क्षमता वाला, तेज गति वाला, दर्शनीय, चौड़े ललाट वाले, थोड़ी बड़ी नासिका, बड़े बड़े चमकी लेने होते हैं। ये बड़े शांत और संयमित होते, धैर्यवान होते हैं। अच्छे तरह कन्फर्म होने पर आगे बढ़ते हैं। सोच समझकर निर्णय लेते हैं। और फिर क्रियान्व यन मे लग जाते हैं। फिर चाहे दुनिया इधर की उधर हो जाए ये किसी की नहीं सुनते, अपने रास्ते पर गतिमान रहते हैं। इसके लिए इन्होने पर्याप्त रिसर्च की होती है जिस वजह से यह गैर जरूरी सलाह पर गौर नहीं फरमाते और लोग इनके इस गुण को इनका अहंकार मान लेते हैं। इससे इन्हें कोई खास फर्क भी नहीं पड़ता क्यूंकि ये जानते हैं की ये क्या कर रहे हैं। किसी कार्य की सूक्ष्म बारीकियों को जानकार उसे तीव्र गति से सम्पादित करना इनकी प्रमुख खूबी है। ये सामाजिक भी होते हैं और व्यवहार कुशल भी।
मित्रता में इनका कोई सानीनहीं होता। कैसी भी समस्या हो, कितनी भी गंभीर यह अपने मित्र का साथ कभी नहीं छोड़ते। यदि एक बार इनको आप पर भरोसा हो गया तो ये आपके लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। कई के सीज़ में तो हमने ऐसा भी देखा है की जिनकी वजह से इन जातकों ने मुसीबत मोल ली वे पीछे हट गए, लेकिन ये नहीं। विषम से विषम परिस्थिति में भी ऐसे जातक डांवाडोल नहीं होते। इनका क्रोध भी बहुत कुछ इस तरह का ही होता है। आमतौर पर ये शांत रहते हैं लेकिन किसी की कोई बात या गलत हरकत इन्हें चुभ गयी तो समझ लीजिये इनसे बचना भी बहुत मुश्किल है। दोस्ती हो यादुश्मनी ये सुनते किसी की नहीं हैं, दुश्मनी भी उतनी ही क्लैरिटी के साथ करते हैं जितनी दोस्ती। ये पूरी तरह से आस्तिक होते हैं लेकिन दिखावे की भक्ति या पूजा पाठ में कतई विशवास नहीं रखते। इनकी तीव्र बुद्धि वहां देख लेती है जहाँ भेद की नज़र भी नहीं होती। लोग इन्हें इसी वजह से नास्तिक या अहंकारी भी मान लेते हैं। लेकिन इनका विज़न दूसरों की अपेक्षा बहुत उत्तम होता है और इस बात का इन्हें स्वयं भी आभास होता है। इनके रहन सहन, उठने बैठने में एक सलीका साफ़तौर पर नजर आता है जो इन्हें बेहतर दिखाता भी है। इनके घर में या इनके
पर्सनल रूम में जाकर देखिये आपको हर चीज करीने से रख्खी मिलेगी। हर काम को सही तरीके से करना इनकी आदत में शुमार होता है।
अश्विनी नक्षत्र जातक शिक्षा व्व्यवसाय
यूँ तो अश्वनी नक्षत्र के जातक आपको हर फील्ड में बेहतर प्रदर्शन करते ही मिलेंगे परन्तु मुख्यतया ये बहुत अच्छे चिकित्सक होते हैं। जैसा की अश्विनी कुमार से अंदाज़ा लगाया जा सकता है चिकित्सा से सम्बंधित प्रोफेशन में इनकी स्किल्स का भरपूर फायदा लिया जा सकता है। इसके साथ ही इनको इंजीनियरिंग, लिटरेचर, संगीत से भी बहुत लगाव होता है। अधिकतर के सीज़ मेंअश्विनी नक्षत्र के जातक इन प्रोफेशंस में संलिप्त देखे गए हैं। प्रोफेशनल सेटलमेंट तीस वर्ष के बाद होती है। इसके बाद ये पीछे मुड़कर नहीं देखते। इनका वैवाहिक जीवन भी अधिकतर सुख दही होता है। इनकी संतान में पुत्र संतान अधिक देखि गयी है